दंदरौआ धाम - Doctor Hanuman ji
डॉक्टर हनुमान जी - Doctor Hanuman ji मध्यप्रदेश के भिंड में जिले के दंदरौआ धाम में स्थित है, हनुमान जी खुद डॉक्टर बनकर मरीजों का इलाज करते हैं, इस मंदिर की एक खास बात ये है कि यहां हजाराें भक्त अपनी जानलेवा बिमारियों का इलाज कराने आते हैं
यह भी माना जाता है कि रोगों के लिए हनुमान जी की भभूत सबसे कारगर है। विशेष रूप में फोड़ा, अल्सर और कैंसर जैसी बीमारियां भी मंदिर की पांच परिक्रमा करने पर ठीक हो जाती हैं।
Doctor Hanuman ji - डाक्टर हनुमानजी सखी रूप में विराजमान हैं। जो सदैव ही श्रृद्धालुओं की मानसिक व शारीरिक पीड़ा को अपनी दिव्य कृपा से हरते रहते हैं। खासकर शनिवार और मंगलवार को उनकी भक्तों पर विशेष कृपा दृष्टि होती है। इसमें भी भाद्रपद मास के अंतिम मंगलवार को तो दंदरौआ धाम में विराजे श्री हनुमानजी भक्तों पर परमकृपा करते हैं।
''नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा'' इसी अवधारणा को साकार करते श्री हनुमान जी यहाँ छोटे से गांव ''दंदरौआ'' में लोगों के आस्था के केंद्र बिंदु बने है !
श्रद्धालु बताते हैं मंदिर से जुड़े कई चमत्कार
इस मंदिर से जुड़े चमत्कार के किस्से क्षेत्रीय लोगों की जुबानी सुनने को मिलते हैं। यहां के महंत महामंडलेश्वर रामदास महाराज का कहना है कि यहां सबसे पहले 2001 में कैंसर जैसे असाध्य रोग को लेकर मंदिर के ही एक साधक द्वारा अर्जी लगाई गई थी। वह साधक को हनुमान जी के चरणों के जल से कैंसर जैसे रोग से मुक्ति मिली थी। वह साधक आज भी हनुमान जी की सेवा में उपस्थित रहता है। यहां हर मंगलवार और शनिवार को दर्शनों के बाद रोगों से मुक्ति मिलने पर पूजा-अनुष्ठान व धार्मिक आयोजन, श्रद्धालुओं द्वारा कराए जाते हैं।
ओम दंदरौआ हनुमंते नमः
***** डॉ हनुमान स्तुति *****
दंदरौआ श्री धाम के ,डॉ श्री हनुमान । प्रभू राम की कृपा से, करें सदा कल्याण ॥
गुरुबबा के शिष्य थे,पुरुसोत्तम महराज । जन्म भूमि को कर गए ,तपो भूमि वो आज ॥
शिष्य उन्ही की कृपा के ,रामदास महराज । धर्म -ध्वजा ले हाथ में ,निकल पड़े है आज ॥
राग द्वैष मद लोभ से ,परे सदा ये संत| रामदास रख नाम गुरु ,विधिवत किया महंत ॥
सरल सहज सु -विचार से ,उनकी कृपा अनंत । महामंडलेश्वर कहें ,सन्याशी गुरु संत ॥
यहाँ विराजे देवगण,देखें हनुमत रूप । नृत्य करत हनुमान जी ,ऐसो दिब्य स्वरुप ॥
छोटा सा है गांव पर ,बहुत बड़ा है नाम । राजा रंक फ़क़ीर सब, करते इन्हे प्रणाम||
मित बाबा ने क्रय किया ,गुर्जर का ये ग्राम । डॉ श्री हनुमान ने ,तीर्थ कर दिया धाम ॥
मार्ग सरल है यहाँ का ,हो श्रद्धा विश्वाश । सुमिरत ही सिध होत है ,जन,गण,मन,के काम ॥
तन मन ब्यापे ब्याधि जो ,या निर्धन के योग । डॉ श्री हनुमान का ,सुमिरन करे सुयोग ।|
अभिमंत्रित वातावरण ,रोग निवारण योग । यज्ञ हवन की भभूति से ,ब्याधि मिटायें लोग ॥
जनमुख से सुनते रहे, उनकी कृपा अपार । संकट उनके कवच से, सदा मानता हार||
ऐसे अंजनि सुत प्रभू , केसरी के हे ! लाल । कुलदीपक की लेखनी ,कर दो आज निहाल ॥
कुलदीपक मै नाम का ,प्रभु दीपक तो आप । बाती बन प्रभु मै जलूं,आप हरें संताप ॥
राम नाम मणि दीप के ,आप जगावन हार । ऐसो उजियारो करो ,जगमग हो संसार ॥।
ॐ श्री दंदरौआ हनुमते नमाः

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